प्रेत आत्मा क्या है ? और उससे कैसे बचे ?

प्रेत आत्मा क्या है ? और उससे कैसे बचे ?

दोस्तों भारत में ऐसी बहुत सी जगहें है, जहां पर प्रेत आत्मा होने का दावा किया जाता है, और बहुत लोगों को इनके रोने और चिल्लाने की आवाजें भी सुनाई देती है ।

तीन प्रकार कि आत्मा : – प्रेत आत्मा, जीव आत्मा और सूक्ष्म आत्मा। शास्त्रों के अनुसार यह तीन प्रकार की आत्माएं होती है, जब एक आत्मा वासना से युक्त शरीर में जाती है, तो उसे प्रेतात्मा कहते है, और जब एक आत्मा किसी जीव के शरीर में जाती है, अथार्थ मनुष्य, चींटी, हाथी, भालू आदि तो उसे जीवात्मा कहते है, और जब एक आत्मा किसी सूक्ष्म शरीर में निवास करती है (वायरस, बैक्टीरिया आदि) तो उसे सूक्ष्मात्मा कहते है, यह तीन प्रकार की आत्मा होती है। 

प्रेत योनि में जाने के तीन मुख्य कारण : 

पहला कारण : जब कोई व्यक्ति दुराचारी होता है, वासना और कामना से युक्त होता है। हमेशा गलत कार्य करता है, झूट बोलता है (चोरी करता है, बेईमानी करता है, लोगों का धन जबरदस्ती लेता है, लोगों की हत्या करता है, मतलब अनैतिक कार्य करने वाला) हमेशा लोगों को धोका देता है, ऐसे व्यक्ति या स्त्री मृत्यु के पश्चात प्रेत योनि में जाते है। 

दूसरा कारण : जब कोई व्यक्ति धन की लालच या जमीन जायदाद की लालच में मरता है, या किसी भी प्रकार की उसकी कोई प्रबल इच्छा हो जो वह मरने से पहले पाना चाहता हो और अगर वह उस चीज को मृत्यु से पहले न प्राप्त कर पाए तो वह मृत्यु के बाद प्रेत योनि में जाता है । 

तीसरा कारण : किसी भी व्यक्ति के मृत्यु के पश्चात उसकी आत्मा उस सच्चिदानंद ईश्वर को प्राप्त होती है, लेकिन कभी कभी ऐसा भी हो सकता है, कि जब उसकी जीव आत्मा उस परमेश्वर के पास जा रही होती है, तो उससे पहले उसके पूर्वज (जो कि प्रेतात्मा हो सकते है) अगर उसे जाने से रोक लें तो ऐसी स्तिथि में वह प्रेत आत्मा बन जाता है, अर्थात प्रेत योनि में चला जाता है, क्योंकि मृत्यु के पश्चात ईश्वर के पास जाने का एक समय होता है। उस समय अंतराल में उस आत्मा को उस परमेश्वर के पास जाना होता है, और अगर वह उस समय अंतराल में उस परमेश्वर को प्राप्त नहीं होता है, तो वह आत्मा प्रेत योनि को जाती है। 

क्या प्रेत आत्माओं को कष्ट होता है ? 

भूत प्रेत का जीवन बहुत ही कष्ट से भरा होता है, इन्हे भूंख बहुत लगती है, और इनको खाने को बहुत कम मिलता है, ये हमेशा दुखी ही रहते है, और चिल्लाते हुए रहते है। इनका जीवन बहुत ही चिड़चिड़ा रहता है, ये हमेशा सोचते है, कि हमें कोई तृप्त करने वाला मिल जाए जो हमारा उद्धार कर दे और इसी के लिए ये घरों में औरनका अच्छी जगह पर जाना सख्त मना होता है, ये किसी भी शुद्ध चीजों को नहीं छू सकते है, ये अच्छे पानी को नहीं छू सकते है, ये पवित्र नदियों का स्नान नहीं कर सकते है, लेकिन ये सब सुविधाएं अच्छी आत्माओं को मिलती है, जो पितृ आत्माएं होती है, उन्हें मिलती है।

बुरी आत्माओं को ये सब सुविधाएं नहीं दी जाती है। ये जहां ज्यादा शोर, उजाला या मंत्रजाप, भजन ये सब जहां होता है, वहां से दूर ही रहती है, इसलिए ये कृष्ण पक्ष को ज्यादा पसंद करती है। अमावस्या, तेरस, चौदस को यह सक्रिय रूप में घूमते है। ये वही ज्यादा पाए जाते है। जहां इनकी मृत्यु होती है, या ये एकांत में रहना ज्यादा पसंद करते है। बहुत समय से खाली घरों में या हवेली में इनका बसेरा हो जाता है।

प्रेत किसे लगते है ? 

जैसा कि मैंने आपको उप्पर बताया कि को व्यक्ति गलत काम करते है, वहीं प्रेत योनि में जाते है। उसी प्रकार जो व्यक्ति हमेशा गलत कर्म करते है, उन्हीं को यह प्रेत आत्मा लगती है, उन्हीं को यह आत्मा परेशान करती है, क्योंकि अगर यह अपने वास्तविक शरीर में होंगी तो यह अच्छी चीजों को खा और पी नहीं सकेंगी इसीलिए यह गलत कर्म करने वाले व्यक्ति के अंदर जाकर (गलत कर्म करने वाले व्यक्ति के अंदर जाने का इनको छूट होता है) अपना मनपसंद खाती है। शुद्ध पानी पीती है अपना मनपसंद कार्य उससे करवाती है, और उसे हमेशा परेशान करती रहती है, इसलिए मनुष्य को कभी गलत कर्म नहीं करना चाहिए और जो व्यक्ति गलत कर्म नहीं करते हमेशा ईश्वर की पूजा करते है, उनको यह प्रेत आत्मा कभी नहीं लगती हैं। 

क्या भूत प्रेत की पूजा करना सही है ? 

दोस्तों भूत प्रेत की पूजा करना यह बिल्कुल भी सही नहीं है, क्योंकि इस पूरे ब्रह्मांड को बनाने वाले ईश्वर है, इसलिए उन्ही की उपासना करना चाहिए क्योंकि जो भूत प्रेतों कि पूजा करते है, अंत में वह मृत्यु के पश्चात भूत प्रेतों को ही प्राप्त होते है, और भूत प्रेत बन जाते है, इसलिए भूत प्रेतों कि पूजा नहीं करनी चाहिए। 

भूत प्रेत से कैसे बचें ? 

अगर आप भूत, प्रेत, डाकिनी, शाकिनी, गंधर्व, बेताल, ब्रह्मराक्षस, चुड़ैल, जिन्न आदि से परेशान है, या सिर्फ उनसे हमेशा के लिए बचना चाहते है, तो इससे आप बहुत आसानी से छुटकारा पा सकते है हमारे पूज्य गुरुदेव के द्वारा दिए गए ताबीज से आप इन सभी से मुक्ति पाकर अपने जीवन को सुखमय बना सकते है, ताबीज मात्र ₹251 में आपको घर बैठे प्राप्त हो जाएगी ।

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जय हो पूज्य गुरुदेव की……

 

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