पुखराज क्या है, कितने प्रकार, असली नकली की पहचान, इसके चमत्कारी फायदे और धारण विधि ?

पुखराज क्या है – pukhraj ke fayde in hindi

नमस्कार मित्रों, आपका इस लेख में स्वागत है आज हम जानने वाले हैं कि पुखराज क्या है, इसके कितने प्रकार होते हैं, कहां पाए जाते है, किसे धारण करना चाहिए और इसे धारण कैसे करें इन सभी प्रश्नों का उत्तर हम इस लेख में जानने वाले हैं ।

 

सभी ग्रहों में से सबसे अधिक सम्माननीय एवं पूजनीय ग्रह बृहस्पति को माना गया है और उन्हें देवताओं के गुरु होने का सम्मान भी प्राप्त है जिस प्रकार इस ब्रह्मांड में बृहस्पति ग्रह के दर्शन अत्यधिक तेजस्विता के साथ होते हैं उसी प्रकार ये अपने ग्रहीय प्रभाव को भी अधिक प्रबलता से दिखाते हैं ।

 

pukhraj ke fayde in hindi

 

जिस व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति ग्रह शुभ स्तिथि में होते हैं उस व्यक्ति के सौभाग्य में लगातार वृद्धि होती रहती है परंतु यह कुंडली में अशुभ या निर्बल स्तिथि में विराजमान हो तो व्यक्ति को अपने जीवन में अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है उसके जीवन में अनेक प्रकार की बाधाएं एवं समस्याएं उत्पन्न होती हैं ।

 

पुखराज बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व रत्न है और इसे संसार में अनेक नामों से जाना जाता है, संस्कृत में इसे पुष्पराग, गुरूरत्न, पीतमणि कहा जाता है, गुजराती में पुष्पराज को पीलुराज, बंगला भाषा में पोखराज, पंजाबी में फोकज, कन्नड़ भाषा में इसे पुष्पराग, बर्मी भाषा में इसे आउटफिया के नाम से जाना है और अंग्रेजी में इसे टोपाज कहा जाता है ।

 

पुखराज (pukhraj ke fayde) एक बहु प्रचलित रत्न है और संसार की अनेक भाषाओं में इसका विवरण प्राप्त होता है। संस्कृत में पुष्पराग, पीतमणि, गुरुरत्न और पुष्पराज के नाम से प्रसिद्ध यह रत्न गुजराती भाषा में पीलूराज, बँगला में पोखराज, पंजाबी में फोकज और कन्नड़ में पुष्पराग कहा जाता है। बर्मी भाषा में इसका उल्लेख आउटफिया नाम से मिलता है। अंग्रेजी साहित्य में इसके लिए टोपाज शब्द प्रयुक्त किया गया है।

 

पुखराज क्या है और इसके बारे में – pukhraj stone ke fayde in hindi

 

ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से छुटकारा हेतु और उनके सकारात्मक प्रभावों के शुभ फल प्राप्त करने हेतु ज्योतिषों द्वारा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है इसी प्रकार बृहस्पति से संबंधित राशि वाले लोगों को पुखराज धारण करना चाहिए ।

 

मित्रों पुखराज दो प्रकार के पाए जाते हैं (pukhraj stone benefits in hindi) 1. सफेद पुखराज 2. पीला पुखराज, ये पुखराज मेक्सिको, ब्राजील, बर्मा, जापान, रूस और श्री लंका और भारत जैसे स्थानों पर अधिक पाया जाता है इसके अलावा यह ज्वालामुखी और ग्रेनाइट के चट्टानों में पाया जाता है इसमें हाइड्रोक्सील, फ्लोरिन और एल्यूमिनियम जैसे तत्व मौजूद होते हैं।

 

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श्रेष्ठ पुखराज पीले और सफेद रंग में पाया जाता है यह विश्व के अनेकों देशों में पाया जाता है यहां पर स्थान अलग अलग होने पर रंगों में थोड़े फरक देखने को मिल सकते हैं।

 

पुखराज के असली नकली की पहचान – pukhraj ki pahchan

 

मित्रों असली पुखराज को पहचानने के अनेकों उपाय हैं चलिए उन सभी उपायों की और अपना ध्यान केंद्रित करते हैं –

 

1. असली पुखराज की पहचान (pukhraj pahanne ki vidhi) के लिए एक सफेद रंग का साफ रूमाल लें और इसे सूरज की किरणों के तरफ करके इसके पीछे पुखराज को रखें कुछ समय पश्चात आपको पीछे से गहरे पीले रंग की रोशनी नजर आएगी यदि रोशनी कम है तो वह पुखराज नकली है और यदि तेज है तो वह पुखराज असली है इसमें कोई संदेह नहीं है।

 

2. मित्रों असली पुखराज साफ और चिकना होता है इसे कनिष्ठा उंगली और अंगूठा से दबाने पर यह छिटककर दूर गिरता है, पीला पुखराज सरसों के पुष्प के समान पीला दिखता है इसके अलावा यदि यह पीले के साथ हरा भी दिखाई दे तो इसे नहीं लेना चाहिए ।

 

3. किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी से बचने हेतु रत्न की सही जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है असली पुखराज की पहचान हेतु एक गिलास में गाय का दूध लें और गाय के दूध में पुखराज को डाल दें, यदि पुखराज असली होगा तो मात्र 1 से डेढ़ घंटे के अंदर पुखराज की किरण ऊपर से छिटकती दिखाई देगी।

 

4. मित्रों पुखराज बाकी सभी रत्नों के मुकाबले गर्म होता है इसलिए जब हम इसे हथेली पर रखते हैं तो हम इसे गर्म महसूस करते हैं इसके अलावा इसे हथेली पर रखकर हिलाने से यह और रत्नों के मुकाबले भारी लगता है ।

 

5. यदि किसी व्यक्ति को किसी जहरीले कीड़े ने काट लिया है और उस जगह पर पुखराज को घिसा जाए तो यह जहर के असर को नष्ट करने में सहायता करता है इसके अलावा असली पुखराज को गोबर में रगड़ने से इसकी चमक में वृद्धि होती है ।

 

6. पुखराज को लेते समय उसे किसी खुरदरी जगह पर घिसना चाहिए क्योंकि जो असली पुखराज होता है उसे किसी भी जगह पर घिसने से किसी भी प्रकार के स्क्रेच नहीं पड़ते तो इस प्रकार से पता लगाया जा सकता है की पुखराज असली है या नकली ।

 

पुखराज रत्न धारण करने के अत्यंत लाभकारी फायदे – pukhraj pahanne ke fayde

 

मित्रों पुखराज रत्न धारण करने के अनेकों चमत्कारी फायदे हैं तो चलिए उन सभी की और हम अपना ध्यान केंद्रित करते है।

 

1. पुखराज रत्न धारण करने से कीर्ति और मान – सम्मान की प्राप्ति होती है इसके अलावा शिक्षा और करियर के क्षेत्र में सफलता की प्राप्ति होती है ।

 

2. पुखराज रत्न उन लड़कियों किए अत्यंत लाभकारी है जिनका विवाह नहीं हो रहा है इसे धारण करने से उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है इसके अलावा इसे धारण करने से व्यक्ति के धर्म और कर्म के प्रति रुचि बढ़ती है।

 

3. शिक्षकों, प्रशासनिक अधिकारियों, वकीलों, न्यायधीशों, शिक्षकों और राजनेताओं को पुखराज अवश्य धारण करना चाहिए इसे धारण करने से उन्हें अत्यंत लाभ मिलेगा।

 

4. इसे धारण करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और इससे जीवन में बिगड़े काम बनने लगते हैं, यदि जीवन में अधिक समस्याएं है तो उन सभी समस्याओं का निवारण होता है और इसके अलावा इसे धारण करने से भाग्य में वृद्धि होती है।

 

5. यदि आपके लीवर में परेशानी है, वह ढंग से कार्य नहीं कर रहा है और यदि आप हेपेटाइटिस जैसे रोगों से ग्रस्त है तो ऐसी स्तिथि में आपको धारण करना चाहिए इसके अलावा गठिया, अल्सर, पेचिंस, नपुंसकता, हृदय आदि रोगों में पुखराज पहनने से लाभ मिलता है।

 

6. पुखराज धारण करने से सोचने और समझने की क्षमता में वृद्धि होती है, कुंडली में बृहस्पति मजबूत स्तिथि में पहुंच जाता है और इसे धारण करने वाले लोगों के प्रति लोग आकर्षित होते हैं इसके अलावा इसे धारण करने वाले व्यक्ति के निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है।

 

7. वैवाहिक जीवन में यदि अनबन है तो इसे पुखराज धारण कर हमेशा के लिए दूर किया जा सकता है ।

 

पुखराज रत्न को धारण करने की विधि – pukhraj dharan karne ki vidhi

 

मित्रों सभी रत्नों को अपने वजन के हिसाब से धारण करना चाहिए उदाहरणानुसार यदि आपका वजन 50 किलो है तो आपको 5 कैरेट का धारण करना चाहिए । इसे आप सोने या चांदी में धारण कर सकते हैं ।

 

अंगूठी धारण करने के लिए शुक्लपक्ष के गुरुवार को सूर्योदय के पश्चात बृहस्पति देव के नाम की पांच अगरबत्ती जलाएं और बृहस्पति देव से प्रार्थना करें कि हे। बृहस्पति देव, मैं आपका आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु यह रत्न धारण कर रहा हूं कृपया मुझे अपना आशीर्वाद प्रदान करें । प्रार्थना करने के पश्चात आप इसे धारण कर सकते हैं ।

 

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