डायन को कैसे पहचाने और इससे कैसे बचें ?

 

डायन को कैसे पहचाने और इससे कैसे बचें ? (Dayan ko kaise pahchane)

नमस्कार दोस्तों आपका हमारे ब्लॉग पर स्वागत है, आज हम आपको डायन के बारे में बताने वाले है। दोस्तों डायन बहुत ही शक्तिशाली होती है, यह तंत्र विद्याओं से परिपूर्ण होती है, इसका एक ही खतरनाक वार व्यक्ति की जान ले सकता है, और आज के समय में यह डायन विद्या सीखने वाले बहुत ज्यादा हो चुके है, आज के समय में इसकी संख्या भारत में बहुत ज्यादा हो चुकी है।

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आपने हार्ट अटैक, लकवा ऐसी अनेक बीमारी का नाम सुना होगा यह बीमारी डायन करना जानती है। डायन अगर किसी से जलती हो तो वह अपने शक्तिशाली तंत्र का प्रयोग उस पर कर देती है, जिससे उसे हार्ट अटैक, लकवा मार जाता है, और डॉक्टर उसे बीमारी का नाम दे देते है। दोस्तों डायन की विद्या महाशक्तिशाली होती है, यह क्या सोचती है, क्या करती है इसे सिर्फ दूसरी डायन ही जान सकती है, क्योंकि इनके भूत कर्ण पिसाचीनी की तरह कार्य करते है इन्हे हर क्षण की खबर होती है गाव में क्या हो रहा है, शहर में क्या हो रहा है, इन्हे सब कुछ पता होता है। इनकी विद्या को डायन विद्या कहा जाता है, स्त्री को डायन और मर्द को डईया कहा जाता है। 

इनकी विद्या बहुत ही गोपनीय होती है, और बहुत ही महाशक्तिशाली होती है, और इस विद्या को बहुत ही आसानी से सीखा जा सकता है, लेकिन सीखने के बाद अपने पति या प्रिय पुत्र की बलि आवश्यक होती है, जो डायन की देवी होती है उसे डाकिनी कहते है। डाकिनी माता काली की सेविका है, और यह उसी की शक्ति है, और यहां पर मैं आपको बता दूं, कि जो व्यक्ति या स्त्री सीखी होती है, तो वह इस चीज के बारे में किसी को नहीं बता सकती क्योंकि इसके भूत चौबीसों घंटे इनके साथ ही रहते हैं, और अगर बता दे तो इनके भूत इन्हे शारीरिक कष्ट देकर जान से मार देते है।

यह विद्या बहुत ही प्राचीन विद्या है, यह विद्या सीखने के बाद वह व्यक्ति बहुत ही सतर्क हो जाता है। इनके परिवार वाले भी इन्हें नहीं पहचान सकते है, और सीखने के बाद वह जितना बूढ़ा होता जाएगा वह उतना ही शक्तिशाली बनता जाता है। इनके पूजा पाठ का कोई भी सबूत नहीं होता है । यह विद्या की देवी को डाकीनी कहा जाता है।

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डाकीनी एक संस्कृत शब्द है, जिसका हिंदी अर्थ डायन होता है। डायन माता काली की सेविका है। इनका तंत्र बहुत ही शक्तिशाली होता है। इनका मंत्र सिर्फ दो या तीन शब्दों का ही होता है, जिस परिवार को बहुत दुख देना होता है। उसके घर के दरवाजे के नीचे अपने माहवारी कपड़े का जुत्ती बनाकर गाड़ देती है, जिससे उस घर में कोई भी देवी देवता का आना निषेध हो जाता है, और इनके द्वारा लगाया गया भूत लंबे समय तक परेशान करता रहता है। 

इनकी साधना बहुत ही गोपनीय होती है, दीपावली के दिन ये अपने गांव को मंत्रो से बांधकर (जिससे उसके गांव वालों को बहुत जल्द नींद आ जाती है, और वह सो जाते है) जंगल में या शमशान में 8 या 10 का ग्रुप बनाकर गोला बना लेती है, और अपने गुरु डायन के समक्ष नग्न होकर अपने मल मूत्र से जमीन को लीपकर कमर में झाड़ू बांधकर रात भर नाचती है, और अपनी शक्ति बढ़ती है। 

पहली बार यह गलती से या जानबूझकर इस विद्या को सीख लेती है, तब इसके बाद इनका गुरु सिद्धि के लिए बली मांगती है, और यह बली अपने प्रिय पुत्र या पति कि होती है और अगर बली देने से मना कर दिया जाए तो वह स्त्री जो सीखना चाहती है। वह पागल हो जाती है और अगर हां कह दिया जाए तो बली के लिए नियुक्त व्यक्ति अपने आप मर जाता है।

किसी को कुछ भी पता नहीं चलता उसके घर वाले भी पहचान नहीं पाते हां अगर में कोई सिद्ध तांत्रिक है, और वह बली के लिए नियुक्त व्यक्ति अगर मर जाए और अगर उसका चेहरा वह तांत्रिक देख ले, तो वह पहचान सकता है, कि उसकी मृत्यु किस तरह हुई है । इनकी सिद्धि होने के पश्चात ये अपने तंत्र का प्रयोग करना चालू कर देते है। पेड़ पौधे, पशु, पक्षी पर ये शुरुआती समय पर ये अपने तंत्र का प्रयोग करते है, और उसके बाद फिर ये मनुष्यों को परेशान करने के लिए उस पर अपना तंत्र का प्रयोग करती है, और पहचानने कि कोशिश करती है, कि उसे क्या हो रहा है, और क्या नहीं हो रहा है। 

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बहुत से लोग जो इस विद्या के बारे में जानते है, वह इस विद्या को सीखना नहीं चाहते है, क्योंकि इस विद्या को सीखने वाले का जीवन बहुत ही दुखदाई होता है, ये बात कुछ लोग जानते है, लेकिन जो बूढ़ी डायन (सीनियर डायन) होती है, उसे उसके मृत्यु से पहले 4 या 5 शिष्य बनाना उनकी मजबूरी होती है, और अगर वह बनाने से इंकार कर दें तो इनका भूत होता है।

दरहा भूत वह महाशक्तिशाली होता है, और इन्हें हर क्षण दुख देता रहता है, इसलिए ये ऐसे पुरुष या स्त्री को चुनती है, जो बहुत ही गुस्से वाले होते है दूसरों से जलते है ऐसे पुरुष या स्त्री को चुनते हैं। ज्यादातर ये अपने ही परिवार के सदस्य को चुनती है, और उसे अपने वस में करके चार या पांच मंत्र सीखा देती है, जिससे डायन बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, और अगर उसके परिवार में कोई छोटी लड़की या लड़का है, तो उस पर शक्तिपात कर देती है, जिससे उसे सपने के माध्यम से डायन विद्या की धीरे धीरे सीख मिलने लगती है, और जब उसकी शादी हो जाती है, तो उस पर डायन के गुण आना चालू हो जाते हैं।

इस प्रकार से डायन बनने की प्रक्रिया होती है। इस विद्या को सीखने वाला राक्षस का गुलाम हो जाता है और उसे हर समय भोग देना पड़ता है, और भोग देने के लिए यह हर दो मिनट में अपने मंत्र का प्रयोग दूसरों पर करते है। 

डायन के गुण को हमेशा के लिए नष्ट नहीं किया जा सकता है, इसीलिए लोग इनसे डरा करते है, और इनसे हमेशा ईर्ष्या करते है, इनकी आयु अत्यधिक लंबी होती है, और मौत अत्यधिक कष्टदाई और दर्दनाक होती है इनके शरीर में कीड़े पड़ते है, ये दूसरों का उम्र चुराकर ज्यादा साल तक जीते है, ये जितनी बूढ़ी होती जाती है, इनकी शक्ति उतनी ही बढ़ती जाती है। डायन बहुत चालाक व शातिर होती है। 

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बड़ी डायन के ऊपर मारण क्रिया करना बहुत ही कठिन है, इनके ऊपर मारण क्रिया एक वरिष्ठ तांत्रिक ही कर सकता है, क्योंकि इनके शक्तिशाली भूत इनकी चौबीस घंटा रक्षा करते रहते है, और इनका जो पिंड होता है, वह भी हमेशा बांधा ही रहता है, अगर कोई वरिष्ठ तांत्रिक जो कि अनेक सिद्धियां जानता हो जैसे: काली सिद्धि, भैरव सिद्धि, हनुमान सिद्धि, बंगलामुखी आदि सिद्धियां तो वह इसे मार सकता है लेकिन उसके लिए उस तांत्रिक को काफी खर्चा लगेगा।

डाइनों की जो शक्ति होती है वह माता काली की सेविका की शक्ति होती है । हर सेकंड की खबर इन्हे मिलती रहती है। गांव में क्या हो रहा है, क्या नहीं हो रहा है। हर पल की खबर इनका भूत इन्हे देता रहता है, जो कि कर्ण पिसाचिनी की तरह कार्य करता है, इसीलिए इनके परिवार वाले हमेशा खुश रहते है । इनके घर में हम चीजे सुरक्षित रहती है और इनका कारोबार बहुत तेजी से बढ़ता है अगर इसके ऊपर कोई मारण क्रिया करे तो यह मर भी जाती है, जो महासिद्धियों का मालिक होगा वहीं इनसे जीत सकता है। एक वरिष्ठ तांत्रिक जो कि सभी सिद्धियों का मालिक है, वह एक बार में 4 या 5 डायनों को संभाल सकता है, और अगर कोई साधारण मनुष्य है, तो वह डायन के एक शक्तिशाली वार से ही मर जाता है।

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ये जिस पर गुस्सा हो जाएं उसकी तो सामत आ जाती है, और ये अगर किसी पर अपने तंत्र का प्रयोग करे तो अगर ये ठीक करना चाहे तो ये ही ठीक कर सकती है, और वो भी तब जब इस पर ज्यादा दबाव हो अगर इसके परिवार पर कोई तंत्र का प्रयोग करे तो ये उसे ठीक नहीं कर सकती । ये सिर्फ दुख दे सकती है। अच्छे कर्म कभी नहीं करती है । ये सीधे साधे लोगों पर ही अपने तंत्र का प्रयोग करती है। धार्मिक, आध्यात्मिक लोगों को ये हमेशा परेशान करी रहती है ये सिर्फ खूनी लोगों से ही डरती है, क्योंकि इसे मरने का बहुत ही डर होता है । 

एक डायन का जीवन भर कोई भी सबूत नहीं मिलता है, और न ही प्रत्यक्ष प्रमाण मिलता है, और अगर कोई पुलिस को बोले कि यह डायन है, तो कोई सबूत न होने के कारण वह डायन अपने तंत्र का प्रयोग करके पुलिस को भी अपने वस में कर सकती है, और आपको कड़ी से कड़ी सजा दिलवा सकती है।

डायन के लिए कोई भी कार्य करना एक छोटी बात है, अगर कोई चुपके से उसके खाने में कुछ डाल दे, और डायन को अपने सामने ही खाने को बोले (फटाफट) खिला दे तो उसे मारा जा सकता है, और ये काम कोई भी कर सकता है। पहले के समय के लोग इसी कार्य को किया करते थे खाने में धीमा जहर मिलाकर खिला देते थे।

 साधारण लोग सोचते है, कि डायन बहुत ही भयानक दिखती होगी जैसा कि टीवी पर दिखाते है, लेकिन डायन एक साधारण होती है, वह छोटी हो सकती है, कितने भी उमर कि हो सकती है 15 साल की हो सकती है। नौकरी करने वाली हो सकती है, हाउस वाइफ हो सकती है। बूढ़ी हो सकती है। काली हो सकती है, सुंदर हो सकती है, सांवली हो सकती है (इस में पुरुष भी शामिल है) किसी भी उम्र की हो सकती है, इनके चेहरे से इनकी उम्र से इन्हे पहचाना नहीं जा सकता है, ये सामान्य लोगों जैसी ही होती है। पढ़ी लिखी भी हो सकती है, अनपढ़ भी हो सकती है। किसी कि भी मां, बहन, भाभी, दीदी हो सकती है, 2 दिन पहले कोई डायन बने ऐसा भी होता है। 

डायनों के पास मुठ मारण, भूत लगाने की विधि और सबसे ख़तरनाक विद्या जो “बान मारण” विद्या होती है । बान बत्तिश प्रकार के होते है, जैसे : सुई बान, लोहा बान, सरसों बान चाऊर बान आदि । हर एक बान बहुत ही शक्तिशाली होते है, और बहुत ही घातक होते है, इनके एक घातक वार से मनुष्य को लकवा मार सकता है, हां लेकिन अगर भोग दिया हो तो मैं यहां आपको बता दूं अगर डायन चाहे तो आदमी की फड़फड़ाकर मृत्यु हो सकती है, लेकिन भूत को भोग देना पड़ता है। (मांस) और अगर यह बिना किसी भोग के इन बान का प्रयोग करे तो कम मात्रा में व्यक्ति को दर्द होता है ।

इसलिए डायन से हर कोई डरता है, और इनसे उलझना बिल्कुल भी नहीं चाहिए, क्योंकि इनके नजर से बचना बहुत ही कठिन होता है। दोस्तों इसे पहचानने का सबसे आसान तरीका यह है कि को व्यक्ति या स्त्री इस विद्या को सीखती है, उसकी उंगली हिलती रहती है। वह हमेशा अपने उंगलीयों को हिलाती रहती है, यह बहुत तरह से अपने उंगली को हिलाते है, अगर आप जब भी ऐसी स्त्री या पुरुष को देखें तो समझ जाएं कि उसने इस विद्या को सीखा है, यह पहचानने का सबसे आसान तरीका है। कभी कभी यह दोनों हाथ की उंगलियां भी हिलाती है, और बहुत ही शातिर होकर अपने उंगली को हिलाती/हिलाता है । 

 तो दोस्तों हमारा यह लेख आपको कैसा लगा । कमेंट में जरूर बताए और इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करे क्योंकि यह बहुत ही अधिक मात्रा में इस पूरी

दुनिया में फेल रहा है, और लोग बिना गलती के तड़प तड़प कर मर रहे है, यह जानकारी पूरी दुनिया तक फैलाए यह आपकी जिम्मेदारी है, लोगों को डायन से बचाए उन तक यह जानकारी पहुंचना बहुत जरूरी है, मैंने इसी उद्देश्य से यह पूरा लेख लिखा है, जिससे समाज का भला हो सके। 🙏🙏🙏

अगर आप डायनों से बचना चाहते है, या महाशक्तिशाली सिद्धियां (काली सिद्धि, भैरव सिद्धि, हनुमान सिद्धि, काली कलकत्ते सिद्धि, बंगलामुखी सिद्धि, जिन्न सिद्धि, महापिसाच सिद्धि ) ऐसी ही महाशक्तिशाली सिद्धियां सीखना चाहते है, और अपने आपको महाशक्तिशाली बनाना चाहते है तो आप हमारे पूज्य गुरुदेव जी से बात कर सकते है, वे सभी महासिद्धियों के ज्ञाता है। गुरुदेव जी का नंबर नीचे दिया हुआ है, आप उनसे बात कर सकते है :- 

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(+917567233021)

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