डायन को कैसे मारा जाए – dayan ko kaise khatm karen
नमस्कार मित्रों आप सभी का इस लेख में हार्दिक स्वागत है इस लेख के माध्यम से हम यह जानना चाहते हैं की डायन को कैसे मारा जाए (dayan ko kaise mare), यहां पर मैं आपको यह बता देना चाहता हूं की डायन को मारना इतना आसान नहीं है डायन बहुत ही शक्तिशाली होती है यह अपने अलग अलग तंत्रों से मनुष्य अलग अलग प्रकार की तकलीफें देने में सक्षम होती हैं।
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यह एक जगह बैठकर ही जान जाती हैं की उसके गांव में क्या हो रहा है उसके घर में क्या हो रहा है वो कहां गया है ऐसा इसीलिए है क्योंकि जो शैतान होता है ये उन्हीं के लिए सिपाही के रूप में कार्य करते हैं इनके आसपास सैकड़ों भूत प्रेतों का वास होता है जो इन्हें शैतान द्वारा दिया जाता है जब भी किसी के बारे में जानना हो तो यह अपने भूत को भेजकर गुप्त से गुप्त बातें जान लेती हैं आपके मन में चल रहीं बातों का भी इन्हें ज्ञान होता हैं।
डायन विद्या क्या है – dayan vidya kya hai
डायन विद्या (dayan vidya) बहुत ही प्राचीन विद्या है, भगवान श्री राम, श्री कृष्ण तथा हजारों अवतारों के समय में भी यह विद्या विद्यमान थी, सभी लोग इस विद्या के बारे में जानते हैं लेकिन सभी ने सिर्फ संकेत दिया, डायन विद्या की किसी ने भी खुलकर लोगों को नहीं बताया और आज जिस प्रकार लोग बिना बीमारी के मर जा रहे हैं यह इसका प्रमाण है की यह विद्या अपने चरम सीमा पर आ चुकी है आज के समय में हर घर में कोई न कोई इस विद्या को जानता है और इसीलिए इस पृथ्वी पर हर कोई किसी न किसी परेशानी में है।
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यदि अभी भी इसका सर्वनाश नहीं किया गया तो आने वाले कुछ ही सालों में पूरी दुनिया इन चीजों को सिख जायेगी और संसार में मौत का खेल ही खेला जाएगा आज भी आप देख सकतें हैं मनुष्य पल भर में मर जा रहा है और बीमारी का कुछ पता नहीं चलता और यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है ।
यहां पर यह जानना अति आवश्यक है की क्या डायन बिना धन के यह सारी क्रियाएं कर लेती है नहीं ऐसा नहीं है, यदि किसी की जान लेनी हो तो इसके लिए इन्हें शैतान को भोग लगाना पड़ता है जिसमें धन की आवश्यकता होती है इसके अलावा बिना धन के भी यह धीरे धीरे व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक तकलीफें देकर उसे मार देते हैं या ऐसी परिस्थिति का निर्माण कर देते हैं जिसमें वह व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है।
इन्हें जब भी किसी की जान लेनी होती है यह सबसे पहले उसके रोटी रोजगार को खत्म कर देते हैं, अधिक से अधिक शारीरिक तकलीफें देते हैं वह जिस भी कार्य को करेगा उसमें उसका मन नहीं लगेगा और सफलता भी नहीं मिलेगी, शारीरिक कष्ट से तात्पर्य शरीर में दर्द, जलन आदि हमेशा बने रहना अधिक होने के कारण ऐसे में मनुष्य का दिमाग काम करना बंद कर देता है और व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है।
डायन को कैसे पहचान सकते हैं – dayan ko kaise pakde
डायन विद्या एक ऐसी विद्या है जिसे सीखना बहुत ही आसान है लेकिन सीखने वाला व्यक्ति मृत्यु के पश्चात भी इस विद्या से बाहर नहीं आ सकता (परमात्मा की कृपा से कुछ लोग इस विद्या को सीखने के पश्चात भी बच जाते हैं) लेकिन सीखने वाला व्यक्ति जिंदगी भी शैतान की गुलामी ही करता है, जो शैतान कहेगा उस व्यक्ति को वह करना पड़ेगा, मना करने पर शैतान अत्यधिक पीड़ा देता है और न चाहते हुए भी वह बुरा कार्य उसे करना पड़ता हैं ।
यह पूजा पाठ नहीं करते, यदि करते भी हैं तो जिस चित्र या प्रतिमा के सामने मंत्र उच्चारण करते हैं उसमें शैतान को स्थापित कर देते हैं ये पूजा पाठ दिखावे के लिए करते हैं, असल में यह पूजा पाठ नहीं करते, यदि कोई व्यक्ति घर में मंदिर में भगवान की पूजा करे तो उस समय ये वहां से दूर चले जायेंगे, घर में नहीं रुकेंगे पूजा खत्म होने के बाद ही आयेंगे ऐसा इसीलिए है क्योंकि भगवान की भक्ति से इन्हें पीड़ा होती है इनका शरीर पिघलता है।
डायन के लक्षण – dayan ko kaise pehchane
यह हमारी तरह ही साधारण दिखते हैं यह कोई लड़का भी हो सकता है, कोई व्यक्ति भी हो सकता है, पढ़ा लिखा व्यक्ति भी हो सकता तथा अनपढ़ भी हो सकता है इस विद्या को सबसे ज्यादा स्त्रियां सीखती हैं और वे इस शक्तियों में मर्द के मुकाबले अधिक शक्तिशाली होती हैं। यदि किसी परिवार में एक व्यक्ति इस विद्या को सिख ले तो उस पर अनिवार्य हो जाता है की वह अपने पुत्री और पुत्र को यह विद्या सिखाए और इसी तरह इनकी जन संख्या बढ़ती जाती हैं।
यह विद्या सीखने के पश्चात उस व्यक्ति पर यह अनिवार्य है की वह किसी न किसी पर जीवन भर इसका प्रयोग करता ही है अर्थात उसके तंत्र का प्रयोग उसे किसी न किसी पर करना पड़ता है, शुरुआत पेड़ पौधों तथा जानवरों से होती है लेकिन बाद में यह अपने तंत्रों का प्रयोग इंसानों पर करते हैं इस विद्या को सीखने के पश्चात कोई किसी का नहीं होता, माता अपने पुत्र और पुत्री सभी पर अपने तंत्र का प्रयोग करती हैं।
इस विद्या को सीखने वाले व्यक्ति को ढैया और स्त्री को डायन के नाम से जाना जाता है, जब इन्हें किसी चीज को बिगाड़ना हो तो उसकी भविष्यवाणी पहले से ही कर देते हैं जैसे यदि डायन के घर का कोई व्यक्ति इसके दुश्मन के घर अधिक जाता है और यह चाहती है की न जाए तो पहले वह अपने दुश्मन के बारे में उससे गलत बोलेगी की वह लोग जादू टोना कर देंगे वहां मत जाया कर यदि वह तब भी जाता है उसे बीमार कर देगी और उससे कहेगी “मैंने कहा था की यह लोग बहुत बुरे हैं कुछ खिला पिला दिया होगा इसीलिए तुम बीमार पड़े हो” तो इस प्रकार से भी यह अपने तंत्र का प्रयोग करती है।
डायन विद्या सीखने वाले की पहचान – dayan ki pehchan kaise hoti hai
जो व्यक्ति डायन विद्या अर्थात टोनही विद्या को सीखा होता है उसकी सबसे बड़ी पहचान उसके उंगलियों को देखकर पता लगाई जा सकती है, वह हर समय अपनी दोनों हाथ की उंगलियों को हिलाता रहता है या किसी भी हाथ की उंगलियों को लगातार हिलाता रहे तो यह डायन विद्या की सबसे बड़ी निशानी हैं।
डायन उंगलियों को इसलिए हिलाती है क्योंकि उसकी हर एक उंगली उसके तंत्र के समान कार्य करती है जैसे यदि किसी व्यक्ति को पेट में दर्द कराना है तो वह अपने किसी उंगली को उसके पेट में सेट कर देती है जब जब वह उंगली हिलाएगी उस व्यक्ति को पेट में दर्द बना रहेगा इस प्रकार से यदि को अपने दोनों हाथ की उंगलियों को सेट करेगी तो 10 जगह उस व्यक्ति को तकलीफ होगी और वे चाहें तो अपनी पैर की उंगलियां तथा मुंह से भी बोलकर तकलीफ दे सकती हैं।
अचानक से पेट का दर्द होना, घुटने में दर्द, पैर दुखना, सर दर्द करना, आंखें दर्द करना, शरीर में किसी भी भाग में जलन होना और थोड़ी देर में अचानक से ठीक हो जाना आदि इन्हीं के देन हैं।
इस टोनही विद्या (tonhi se kaise bache) को सीखने वाला व्यक्ति कभी कभी भी यह नहीं बताएगा की उसने इस विद्या को सीखा है और वह इसे गुप्त रखने की पूरी कोशिश करेगा इसके दो कारण है कि वह इस चीज का वर्णन नहीं करे (1) पहले समय में ऐसे लोगों का पता चलने पर इन्हें पीट पीट कर मार दिया जाता था या जला दिया जाता था (2) इनका शैतान इन्हें तकलीफ पहुंचाता है।
इस डायन विद्या को सीखना शैतान से एक प्रकार का एग्रीमेंट साइन करना होता है यहां पर जो उससे शैतान करने को कहेगा उस व्यक्ति को करना पड़ेगा नहीं तो वह शैतान उसे बहुत दुख देगा और वह चाहे तो अपनी शक्तियों का इच्छानुसार भी कर्म कर सकता है, इस विद्या में जो व्यक्ति जितना पुराना होता जाएगा उसकी शक्तियां उतनी ही तीव्र होती जाएंगी ऐसे लोगों की मौत बहुत बुरी होती है तड़प तड़प कर मरते हैं इनके शरीर में कीड़े भी पड़ते हैं।
इस विद्या को अक्सर लोग अज्ञानता में सिख लेते हैं उन्हें ऐसा लगता है कि वे अपने मन का काम कर सकेंगे और जो चाहेंगे कर पाएंगे, ऐसे लोग हमेशा दूसरे के बारे में बुरा ही सोचते हैं ये खुद भी कभी आगे नहीं बढ़ते और दूसरे व्यक्ति को भी आगे नहीं बढ़ने देते इसीलिए गरीब लोग इसे अधिक सीखते हैं इसका प्रचलन बिहार में बहुत अधिक है, अब यह राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश आदि जगहों बहुत तेजी से फैल रहा है। ये पूरी दुनिया में विद्यमान हैं अमेरिका, रशिया, चीन आदि जगहों पर बहुत अधिक मात्रा में यह विद्यमान हैं।
ये इतने जिद्दी होते हैं कि जिस चीज को यह बोल दें उसे पूरा कर के ही रहते हैं, यदि इन्होंने किसी को कह दिया की तुझे बर्बाद करके रहूंगी तो ऐसी स्थिति में ये उसे बर्बाद करके ही छोड़ते हैं इनके ऊपर किसी भी जादू टोना आदि का कोई असर नहीं होता क्योंकि सैकड़ों भूत इनकी रक्षा में हमेशा लगे रहते हैं।
ये धन को बहुत महत्व देते हैं यदि कोई इनसे आगे निकल जाए तो ये उसे गिराने में लग जाते हैं, कंजूसी बहुत अधिक करते हैं 1 रुपए खर्च करने में भी बहुत सोचते विचारते हैं, धन के लिए ये कुछ भी कर सकते हैं हमेशा यह जानने के प्रयास में लगे रहते हैं की दूसरे व्यक्ति के घर में क्या हो रहा है, वह क्या कर रहा है, उसने क्या खरीदा इन सारी चीजों को जानने का ये पूरा प्रयास करते हैं, यदि इन्हें पैर में दर्द हो रहा है तो ऐसे दिखाएंगे की इन्हें कुछ हुआ ही नहीं।
ये लोगों को दिखाने का प्रयास पूरा करते हैं की यह बहुत सुखी हैं लेकिन यह हमेशा अपने बुरे कर्मों के प्रभाव से दुखी ही रहते है, इन्हें नींद बिलकुल नहीं आती, ये रात भर जागे रहते हैं या सोने का नाटक करते हैं क्योंकि इनका शैतान इन्हें सोने ही नहीं देता हैं इस विद्या को सीखने के बाद व्यक्ति अनजाने में बहुत दुखों को भोगता हैं।
इनका दिमाग हमेशा दूसरों को अपने से नीचा गिराने में ही लगा रहता है और हमेशा अपने आप को अच्छा साबित करने में लगे रहते हैं और ऐसी परिस्थिति में ये खुद ही नीचे गिर जाते हैं ये झूट बहुत बोलते हैं हर बात में झूट बोलते हैं इनकी कथनी और करनी में हमेशा अंतर रहता था।
डायन को कैसे मारा जाए – dayan ko kaise mara jata hai
डायन को यदि आप मारना चाहते हैं (dayan ko marne ka upay) तो आपको उन्हीं जैसा बनने की आवश्यकता है यानी की डायन विद्या सीखने की आवश्यकता है इसके अलावा आप हमारे पूज्य गुरुदेव से काल भैरव साधना, महाकाली साधना, कुलदेवी साधना आदि सीखकर डायन से अधिक शक्तिशाली बन सकते हैं और उन्हें परास्त कर सकते हैं ये सात्विक साधनाएं होती हैं जिसे सीखने के पश्चात आप इन्हें इन्हें हरा सकते हैं।
इन साधनाओं को करने की आवश्यकता नहीं है हमारे पूज्य गुरुदेव अपने शक्तिपात के माध्यम से शक्तियां प्रदान कर देते हैं जिसे आप घर बैठे भी सिख सकते हैं इसमें 40 दिन का समय लगता है और हम दिन आपको 15 से 20 मिनट देना होता है।
Hello. And Bye.
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