डायन विद्या सीखने के फायदे और नुकसान और डायन विद्या क्यों नहीं सीखना चाहिए ?
मित्रो जैसे कि हमने आपको डायन विद्या के पहले, दूसरे और तीसरे पार्ट में आपको डायन विद्या से जुड़ी चीजों के बारे में बताया और इस लेख में हम आपको बताएंगे कि डायन विद्या सीखने के फायदे और नुकसान क्या क्या है और इसे क्यों नहीं सीखना चाहिए।
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दोस्तों यह विद्या एक महाशक्तिशाली विद्या है इसे सीखने वाला व्यक्ति अत्यंत शक्तिशाली हो जाता है और इसे सीखना बहुत ही आसान है अगर आप यही पढ़कर यह सोच रहे है तो सीखने से पहले इस पूरे लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें उसके बाद कोई निर्णय लें दोस्तों इसे सीखना तो बहुत आसान होता है लेकिन इसे सीखने के बाद मनुष्य का जीवन एक गुलाम कि तरह हो जाता है वह शैतान का गुलाम हो जाता है और सिर्फ अपने तंत्र का प्रयोग करके बुरे कार्य ही कर सकता है इस विद्या को सीखने वाला व्यक्ति अच्छे कार्य नहीं कर सकता है अगर इस विद्या को कोई स्त्री सीखे तो उसे डायन कहा जाता है और अगर इस विद्या को कोई मर्द सीखे तो उसे डैया कहा जाता है।
इस विद्या को ज्यादा से ज्यादा स्त्रियां ही सीखती है और एक बार इस विद्या को सीखने के बाद इस विद्या से बाहर नहीं निकला जा सकता है इस विद्या को लोग अनजाने में सिख लेते है क्योंकि लोग इस विद्या का सिर्फ फायदा ही देखते है इस विद्या के द्वारा 5 मिनट में किसी की मौत भी कि जा सकती है इस विद्या को सीखने वाला अत्यंत शातिर हो जाता है बहुत चालाक हो जाता है और आज के समय में यह विद्या वाले बहुत अधिक हो गए है। अगर आपके घर में भी कोई होगा तो भी आपको पता नहीं चलेगा। इस विद्या के द्वारा एक मिनट में हार्ट अटैक, लकवा ऐसी ही अनेक बीमारी बनाई जा सकती है इसी विद्या को टोनही विद्या के नाम से जाना जाता है । इस विद्या को सीखने वाले हर क्षण अपनी उंगलियां हिलाते रहते है इससे पता लगाया जा सकता है की कौन डायन है और कौन नहीं तो चलिए जानते है डायन विद्या सीखने के फायदे और नुकसान ।
डायन विद्या सीखने के फायदे :
1. 5 मिनट में किसी की भी जान ली जा सकती है ।
2. ऐसे व्यक्ति को कोई बीमारी नहीं लगती है ।
3. अत्यंत लंबी उमर होती है।
4. अपने परिवार का अच्छा विकाश करती है। घर में धन की कमी नहीं रहती है सभी काम धंधे अच्छे चलते है ।
5. दूसरे का काम धंधा रोका जा सकता है, दूसरे के घर में कलेश, झगड़ा, लड़ाई करवाई जा सकती है, उसे हर प्रकार से बर्बाद किया का सकता है।
6. 36 गुण अपने आप आ जाते है ।
7. मनुष्य बहुत चालाक हो जाता है, शातिर हो जाता है ।
8. इनका वार देने का मंत्र सिर्फ 2 से तीन अक्षरों का होता है। इसलिए इनकी वार देने की स्पीड बहुत तेज होती है।
9. अगर यह एक बार किसी को बर्बाद करने कि बातें बोल दे तो उसे बर्बाद करके छोड़ती है लेकिन इनसे सिर्फ परमात्मा का भक्त ही बच सकता है या कोई अत्यंत शक्तिशाली तांत्रिक ।
10. लोगों को वस में किया जा सकता है और उनसे अपना काम बनाया जा सकता है।
11. लोगों को मारने के लिए 32 बाण होते है जिसके हर एक बान अत्यंत शक्तिशाली होते है ।
12. लोगों की आयु चुराकर अपनी आयु लंबी कि जा सकती है।
13. कितनी भी उम्र का व्यक्ति सीख सकता है इसे 7 या 8 साल का बच्चा भी सीख सकता है। अगर उसके मां बाप सिखाएं तो।
14. जितनी बूढ़ी होगी/बूढ़ा होगा शक्ति उतनी ही शक्तिशाली होती जाएगी ।
15. शरीर की रक्षा चौबीसों घंटे भूत करते रहते है और इनका पिंड हमेशा बंधा रहता है।
16. घर बैठे पता चलता रहेगा की गांव में क्या हो रहा है और शहर में क्या हो रहा है। इनके भूत कर्णपिसाचिनी की तरह कार्य करते रहते है। ऐसे ही अनेक प्रकार के फायदे डायन विद्या सीखने के है ।अब हम आपको बताएंगे कि डायन विद्या सीखने के नुक़सान कितने घातक है।
डायन विद्या सीखने के घातक नुकसान :
1. डायन विद्या को सीखने के बाद अपने प्रिय पुत्र या पति कि बली आवश्यक होती है अगर नहीं दिया जाए तो इनके दरहा भूत बहुत परेशान करते है।
2. इनका जीवन अत्यंत दुखदाई होता है इनका जीवन कष्टों से भरा होता है।
3. इस विद्या से अच्छे कर्म नहीं किए जा सकते सिर्फ बुरे कर्म ही किए जा सकते है।
4. यह पूरी तरह शैतान का गुलाम हो जाता है।
5. मृत्यु से पूर्व 4 या 5 शिष्य डायन को बनाना आवश्यक होता है इसलिए वह अपने परिवार में या कहीं के भी 4 या 5 शिष्य को चेला बनती है और यह विद्या सीखाती है।
5. जो इसे सीखता है वह अपने मुख से नहीं का सकता कि उसने इस विद्या को सीखा है उसके कहने से पहले ही उसके भूत या तो उसे गूंगा कर देंगे या उसे अत्यंत तकलीफ देंगे जिससे दुबारा बताने की उसकी हिम्मत नहीं होगी।
6. खुद की मर्जी से मृत्यु नहीं हो सकती मतलब जो व्यक्ति इस विद्या को सीखता है वह व्यक्ति अपने आप को जान से नहीं मार सकता है।
7. दूसरे की बरबादी ही इनका लक्ष्य होता है और दूसरा इनके जीवन में कुछ होता नहीं है। जिससे जलते है उसे जीवन भर परेशान करते रहते है।
8. मृत्यु के पश्चात कर्म के अनुसार हजारों वर्षों तक भूत प्रेत की योनि भोगनी पड़ती है । मानव की योनि में भी सुख नहीं और मृत्यु के पश्चात भी सुख नहीं ।
9. गुस्सा होने पर पुत्र को ही खा जाती है।
10. इसे सीखने के बाद प्रेत योनि पक्की होती है। ऐसी ही अनेक नुकसान है डायन विद्या को सीखने के।
11. इस विद्या से कभी भी बाहर नहीं निकला जा सकता है। मृत्यु के पश्चात भी।
तो दोस्तों अब आप निर्णय कर सकते है को डायन विद्या सीखना चाहिए कि नहीं । हमारा तो यह मानना है कि इस विद्या को कदापि नहीं सीखना चाहिए ।
तो प्यारे अगर आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने मित्रो में अवश्य शेयर करें जिससे वह भी इस घातक विद्या से बच सकें । जय श्रीकृष्ण।
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